फिल्म - तलवार (2015)
कलाकार - इरफ़ान खान, कोंकणा सेन शर्मा
गायक - अरिजीत सिंह
गीतकार - गुलज़ार
संगीत - विशाल भारद्वाज
दिल में, ऐसे ठहर गए हैं, ग़म
दिल में, ऐसे ठहर गए हैं, ग़म
जैसे जंगल में, शाम के साये
जैसे जंगल में, शाम के साये
आंसूं जो, रुकने लगे है
आँखों में, चुभने लगे हैं
नया दर्द दो, कोई तो, रो लें
दिल में, ऐसे ठहर गए हैं, ग़म
जैसे जंगल में, शाम के साये
जैसे जंगल में, शाम के साये
अजनबी, अजनबी-सा, लगता है
कोई आंसू, अगर, चला आये
अजनबी, अजनबी-सा, लगता है
कोई आंसू, अगर, चला आये
खुश्क-खुश्क रहती हैं, आँखें
नया दर्द दो, कोई तो, रो लें
दिल में, ऐसे ठहर गए हैं, ग़म
जैसे जंगल में, शाम के साये
जैसे जंगल में, शाम के साये
जाते जाते, सहम के, रुक जाये
मुड़ के देखे, उदास राहों पे
कैसे बुझते, हुए उजालों पे
दूर तक, धूल धूल, उड़ती है
Download Mp3 : Shaam Ke Saaye
कलाकार - इरफ़ान खान, कोंकणा सेन शर्मा
गायक - अरिजीत सिंह
गीतकार - गुलज़ार
संगीत - विशाल भारद्वाज
दिल में, ऐसे ठहर गए हैं, ग़म
दिल में, ऐसे ठहर गए हैं, ग़म
जैसे जंगल में, शाम के साये
जैसे जंगल में, शाम के साये
आंसूं जो, रुकने लगे है
आँखों में, चुभने लगे हैं
नया दर्द दो, कोई तो, रो लें
दिल में, ऐसे ठहर गए हैं, ग़म
जैसे जंगल में, शाम के साये
जैसे जंगल में, शाम के साये
अजनबी, अजनबी-सा, लगता है
कोई आंसू, अगर, चला आये
अजनबी, अजनबी-सा, लगता है
कोई आंसू, अगर, चला आये
खुश्क-खुश्क रहती हैं, आँखें
नया दर्द दो, कोई तो, रो लें
दिल में, ऐसे ठहर गए हैं, ग़म
जैसे जंगल में, शाम के साये
जैसे जंगल में, शाम के साये
जाते जाते, सहम के, रुक जाये
मुड़ के देखे, उदास राहों पे
कैसे बुझते, हुए उजालों पे
दूर तक, धूल धूल, उड़ती है
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