Thursday 22 October 2015

बावरा Main bawra - Kill Dil

फिल्म - किल दिल
कलाकार - गोविंदा, अली ज़फर, रणबीर सिंह, परिणिति चोपड़ा
गायक - शंकर महादेवन, निहिरा जोशी
गीतकार - गुलज़ार
संगीत - शंकर-एहसान-लॉय



कोई अटका हुआ है, पल शायद 
वक़्त में पड़ गया है, बल शायद 
दिल अगर है तो, दर्द भी होगा 
इसका कोई नहीं है, हल शायद 

आ आ आ आ
बुझ गए तारे ओ यारा, आसमां काला लगे रे
कुछ भी नज़र न आवे, अंखियों में जाला लगे रे
दिल वाली नौकरी ने मारा, 
ओ यारा, 
दिल वाली नौकरी ने मारा

ओ मीठा लगे अब भी वो यारो, दर्दों की टोकरी उतारो 
दिल वाली नौकरी ने मारा, 
ओ यारा 
दिल वाली नौकरी ने मारा

स्वीटा ओ स्वीटा
तेरे बिन, कोयलों से काले, काले हुए दिन 
तेरे बिन, तेरे बिन, तेरे बिन 

ओ ज़िन्दगी उलझा हुआ सौदा है 
उम्रें लेता है एक पल दे कर 
मैं बावरा, बावरा, मैं बावरा 
ज़िन्दगी उलझा हुआ सौदा है 
उम्रें लेता है, एक पल दे कर 

मैं बावरा, बावरा, मैं बावरा 

हो
मरने से मुझे, कोई डर तो नहीं 
हाँ तेरे बिन, मुश्किल होगी 
जीना भी पड़े, तो भी मुझको 
हाँ तेरे बिन, मुश्किल होगी 
सीने में इश्क का, एक बुझा-सा दीया
मैं तो लेके चला

ज़िन्दगी उलझा हुआ सौदा है 
उम्रें लेता है, एक पल दे कर 
मैं बावरा, बावरा, मैं बावरा 

शाम है तो शाम सही, रात न होने देना
आस की साँस चलती रहे, मौत न होने देना
जिन आँखों में नींद नहीं है, उन आँखों में ख्वाब था कोई
ख्वाब वो, ख्वाब तुम, खोने  न देना 
बावरा, बावरा, बावरा


ज़िन्दगी उलझा हुआ सौदा है 
उम्रें लेता है, एक पल दे कर 
मैं बावरा, बावरा, मैं बावरा


ज़िन्दगी उलझा हुआ सौदा है 
उम्रें लेता है, एक पल दे कर 

दिल बावरा, बावरा, दिल बावरा


No comments:

Post a Comment