Monday 23 November 2015

ज़िन्दगी ए ज़िन्दगी, ज़िन्दगी तेरे हैं दो रूप Zindagi Aye Zindagi - Zindagi Zindagi

फिल्म - ज़िन्दगी ज़िन्दगी (1972)
कलाकार - सुनील दत्त, वहीदा रहमान 
गायक - एस.डी. बर्मन 
संगीत- एस. डी. बर्मन 
गीतकार - आनंद बक्शी

ज़िन्दगी ए ज़िन्दगी, ज़िन्दगी तेरे हैं दो रूप
बीती हुयी रातों की, बातों की तू छाया 
छाया वो जो बनेगी  धूप 

कभी तेरी किरणे थी, ठंडी ठंडी हाय रे 
अब तू ही मेरे जी, में आग लगाये 
चांदनी ए चांदनी, चांदनी, तेरे है दो रूप 
टूटे हुए सपनो की, अपनों की छाया 
छाया वो जो बनेगी  धूप 

आते जाते पल क्या है, समय के ये झूले है 
बिछड़े साथी कभी याद आये, कभी भूले है 
आदमी ए आदमी, आदमी तेरे है दो रूप 
दुःख सुख के झूलो की, फूलों की तू छाया 
छाया वो जो बनेगी  धूप 

कोई भूली हुयी बात, मुझे याद आई है 
ख़ुशी भी तू लायी थी, और आसू भी तू लायी है 
दिल्लगी ए दिल्लगी, दिल्लगी तेरे है दो रूप 
कैसे कैसे वादों की, यादों की तू छाया 
छाया वो जो बनेगी  धूप 


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